भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां के किसानों के लिए खेती-बाड़ी ही उनका जीवन है। लेकिन, बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही एक चुनौती है सूखे या कम बारिश की स्थिति में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता और डीजल की बढ़ती कीमतें। इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए बिहार सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसे किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 के नाम से जाना जाता है।
यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है, जो खरीफ मौसम में कम बारिश के कारण अपनी फसलों की सिंचाई के लिए डीजल इंजन या पंप सेट पर निर्भर रहते हैं। यह लेख आपको किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, लाभ और अन्य जरूरी जानकारियों के बारे में विस्तार से बताएगा। हमारा उद्देश्य आपको पूरी तरह से शिक्षित करना है ताकि आप इस योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें और अपनी खेती की लागत को प्रभावी ढंग से कम कर सकें।
मुख्य बातें: किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025
किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 बिहार सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए डीजल खरीदने पर वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका मुख्य लक्ष्य किसानों को सिंचाई में होने वाले खर्च से राहत दिलाना और कृषि उत्पादन को स्थिर बनाए रखना है। इस योजना की कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
- वित्तीय सहायता: योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ सिंचाई के लिए 2,250 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह सब्सिडी अधिकतम 8 एकड़ भूमि तक लागू होती है, जिसका अर्थ है कि एक किसान अधिकतम 18,000 रुपये तक का लाभ उठा सकता है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है।
- डीजल पर सब्सिडी दर: किसानों को प्रति लीटर डीजल पर लगभग 75 रुपये प्रति लीटर की दर से सब्सिडी दी जाती है, जिससे उनकी सिंचाई की लागत में उल्लेखनीय कमी आती है।
- फसलों का कवरेज: यह योजना धान, मक्का, दालें, तिलहन, मौसमी सब्जियां, औषधीय और सुगंधित पौधों सहित विभिन्न फसलों को कवर करती है।
- सिंचाई की सीमा: अधिकांश फसलों के लिए अधिकतम तीन सिंचाई के लिए सब्सिडी मिलती है, जबकि कुछ विशेष फसलों के लिए यह सीमा दो सिंचाई तक हो सकती है।
- बजट आवंटन: बिहार सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
योजना का उद्देश्य: किसानों को राहत और उत्पादन में स्थिरता
किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 का मुख्य उद्देश्य बिहार के किसानों को कई तरह से सहायता प्रदान करना है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- सिंचाई लागत में कमी: डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण किसानों को सिंचाई पर भारी खर्च करना पड़ता है। यह योजना इस लागत को कम करने में मदद करती है, जिससे किसानों का वित्तीय बोझ हल्का होता है।
- कृषि उत्पादन को बचाना: कम बारिश या सूखे की स्थिति में फसलें सूखने लगती हैं। डीजल सब्सिडी से किसान समय पर सिंचाई कर पाते हैं, जिससे उनकी फसलें बच जाती हैं और कृषि उत्पादन स्थिर रहता है।
- किसानों की आय में वृद्धि: जब खेती की लागत कम होती है और फसलें बर्बाद होने से बच जाती हैं, तो किसानों की शुद्ध आय में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होती है।
- पारदर्शिता सुनिश्चित करना: सब्सिडी राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है, जिससे योजना में पूरी पारदर्शिता बनी रहती है और बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: किसानों को वित्तीय सहायता मिलने से उनकी क्रय शक्ति बढ़ती है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। यह किसानों के लिए एक तरह से खेती डीजल सहायता है।
यह योजना न केवल किसानों को तात्कालिक राहत प्रदान करती है, बल्कि यह उन्हें भविष्य की अनिश्चितताओं से निपटने में भी सक्षम बनाती है, जिससे बिहार की कृषि क्षेत्र में स्थिरता और प्रगति सुनिश्चित होती है।
पात्रता मानदंड: कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंडों को पूरा करना अनिवार्य है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सहायता सही हाथों तक पहुंचे, सरकार ने स्पष्ट नियम बनाए हैं। वे इस प्रकार हैं:
- राज्य का निवासी: आवेदक किसान बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- किसान की श्रेणी: योजना का लाभ भूमि मालिक किसानों के साथ-साथ बटाईदार किसान (जो दूसरों की जमीन पर खेती करते हैं) भी उठा सकते हैं। यह समावेशी दृष्टिकोण छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
- पंजीकरण अनिवार्य: योजना का लाभ लेने के लिए किसान को कृषि विभाग, बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर स्वयं को पंजीकृत कराना आवश्यक है। यह पंजीकरण प्रक्रिया लाभ प्राप्ति के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
- एक परिवार एक लाभ: योजना का लाभ परिवार से किसी एक किसान को ही दिया जाएगा, ताकि संसाधनों का उचित वितरण हो सके और अधिकतम किसानों तक पहुंच सुनिश्चित हो सके।
- सक्रिय बैंक खाता: आवेदक का बैंक खाता सक्रिय होना चाहिए और वह आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए, क्योंकि सब्सिडी राशि सीधे इसी खाते में हस्तांतरित की जाएगी। यह किसान अनुदान योजना वित्तीय सहायता प्रदान करने का एक कुशल तरीका है।
- सिंचाई का प्रमाण: किसानों को सिंचाई के लिए डीजल खरीदने का वैध प्रमाण (जैसे रसीद) प्रस्तुत करना होगा।
इन मानदंडों को पूरा करने वाले किसान आसानी से डीजल पर सरकारी योजना का लाभ उठा सकते हैं और अपनी खेती की लागत को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़: आवेदन के लिए क्या-क्या चाहिए?
किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 के लिए आवेदन करते समय कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इन दस्तावेजों को पहले से तैयार रखना आपकी आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाएगा। आवश्यक दस्तावेजों की सूची निम्नलिखित है:
- आधार कार्ड: आवेदक किसान का वैध आधार कार्ड।
- बैंक पासबुक: बैंक खाते की पासबुक की फोटोकॉपी, जिसमें खाता संख्या, IFSC कोड और बैंक का नाम स्पष्ट रूप से अंकित हो। यह खाता आधार से जुड़ा होना चाहिए।
- जमीन के कागज़ात: जमीन के मालिक किसानों के लिए भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (LPC) या अंचल कार्यालय द्वारा जारी अद्यतन रसीद। बटाईदार किसानों के लिए, उन्हें बटाईदारी का शपथ पत्र या संबंधित भू-स्वामी की सहमति पत्र प्रस्तुत करना होगा।
- डीजल खरीद की रसीद: सिंचाई के लिए खरीदे गए डीजल की मूल रसीदें। यह रसीद वैध पेट्रोल पंप से खरीदी गई होनी चाहिए और इसमें डीजल की मात्रा, कीमत और खरीद की तारीख स्पष्ट रूप से दर्ज होनी चाहिए।
- मोबाइल नंबर: एक सक्रिय मोबाइल नंबर जो आवेदन और आगे के संचार के लिए उपयोग किया जाएगा।
- पासपोर्ट साइज फोटो: आवेदक किसान की हालिया पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो।
- किसान रजिस्ट्रेशन नंबर: कृषि विभाग पोर्टल पर पंजीकृत होने के बाद प्राप्त किसान रजिस्ट्रेशन नंबर।
यह सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज स्पष्ट और वैध हों, ताकि आपके आवेदन को बिना किसी बाधा के स्वीकार किया जा सके। सभी जानकारियों का मिलान सावधानीपूर्वक करें।
आवेदन प्रक्रिया: किसान डीजल सब्सिडी 2025 के लिए कैसे करें अप्लाई?
किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिससे किसान घर बैठे ही आसानी से आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शी और कुशल है। आवेदन करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले, बिहार सरकार के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या विशेष पोर्टल dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाएं। यह डीजल सब्सिडी 2025 के लिए आवेदन का एकमात्र आधिकारिक पोर्टल है।
- पंजीकरण करें (यदि पहले नहीं किया है): यदि आपने पहले से किसान के रूप में पंजीकरण नहीं कराया है, तो ‘किसान पंजीकरण’ विकल्प पर क्लिक करके अपना पंजीकरण करें। पंजीकरण के बाद आपको एक पंजीकरण संख्या मिलेगी, जिसे सुरक्षित रखें।
- आवेदन लिंक ढूंढें: वेबसाइट के होमपेज पर या ‘ऑनलाइन आवेदन करें’ सेक्शन में “डीजल अनुदान योजना 2025” या “किसान डीजल सब्सिडी योजना” से संबंधित लिंक खोजें और उस पर क्लिक करें।
- आवेदन पत्र भरें: खुले हुए आवेदन पत्र में अपनी सभी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे नाम, पता, आधार नंबर, बैंक खाते का विवरण, भूमि संबंधी जानकारी (एकड़, खेत का प्रकार) और सिंचाई का विवरण (कितनी सिंचाई की गई, डीजल की मात्रा) सावधानीपूर्वक भरें।
- दस्तावेज अपलोड करें: मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों (आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि संबंधी दस्तावेज, डीजल रसीदें आदि) को स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड करें। सुनिश्चित करें कि फाइलें सही फॉर्मेट और आकार में हों।
- समीक्षा और सबमिट करें: सभी जानकारी और अपलोड किए गए दस्तावेजों की एक बार फिर से सावधानीपूर्वक समीक्षा करें। यदि सब कुछ सही है, तो ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।
- आवेदन संख्या प्राप्त करें: आवेदन जमा करने के बाद आपको एक आवेदन संख्या या संदर्भ संख्या प्राप्त होगी। इसे भविष्य के संदर्भ के लिए नोट कर लें या इसका प्रिंटआउट ले लें।
अंतिम तिथि: आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2025 है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार न करें और जल्द से जल्द आवेदन प्रक्रिया पूरी कर लें। यह किसान डीजल सब्सिडी योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है।
योजना का प्रभाव: किसानों के जीवन में बदलाव
किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 का बिहार के कृषि क्षेत्र और किसानों के जीवन पर गहरा और सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। यह केवल एक वित्तीय सहायता से कहीं अधिक है; यह कृषि उत्पादकता और किसानों के मनोबल के लिए एक प्रोत्साहन है।
- फसल क्षति में कमी: समय पर सिंचाई के लिए वित्तीय सहायता मिलने से किसान अपनी फसलों को सूखे या अपर्याप्त बारिश के कारण होने वाले नुकसान से बचा पाएंगे। इससे उनकी उपज स्थिर रहेगी।
- आर्थिक सशक्तिकरण: खेती की लागत में कमी आने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वे अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा अन्य कृषि निवेशों या व्यक्तिगत जरूरतों पर खर्च कर पाएंगे।
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा: सरकारी सहायता मिलने से किसान अधिक आत्मविश्वास महसूस करेंगे और उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने की क्षमता मिलेगी।
- छोटे और सीमांत किसानों को लाभ: यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित होगी, जो डीजल की उच्च कीमतों को वहन करने में सबसे अधिक संघर्ष करते हैं। यह उन्हें अपनी फसलों को बचाने और अपनी आजीविका सुरक्षित करने में मदद करेगी।
- पारदर्शिता और विश्वास: सीधे बैंक खाते में सब्सिडी भुगतान से भ्रष्टाचार कम होगा और किसानों का सरकार की नीतियों में विश्वास बढ़ेगा। कृषि जागरण और अन्य मीडिया आउटलेट्स ने इस पहल की सराहना की है।
संक्षेप में, यह योजना न केवल बिहार के किसानों को तात्कालिक राहत प्रदान करेगी, बल्कि यह राज्य में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास और स्थिरता में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
वित्तीय आवंटन और पारदर्शिता: 100 करोड़ का बजट
बिहार सरकार ने किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय आवंटन किया है, जो किसानों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह बड़ा आवंटन यह सुनिश्चित करता है कि राज्य भर के अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें और उन्हें समय पर सहायता मिल सके।
योजना की एक और महत्वपूर्ण विशेषता इसकी पारदर्शिता है। सब्सिडी का भुगतान सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में किया जाता है (Direct Benefit Transfer – DBT)। यह प्रक्रिया बिचौलियों की आवश्यकता को समाप्त करती है और यह सुनिश्चित करती है कि पूरी राशि बिना किसी कटौती के सीधे किसानों तक पहुंचे। यह न केवल धन के दुरुपयोग को रोकता है, बल्कि भुगतान प्रक्रिया में तेजी भी लाता है। इससे किसान तुरंत अपनी आवश्यकताओं के लिए धन का उपयोग कर सकते हैं। किसान इंडिया जैसे प्लेटफॉर्म भी DBT की कार्यकुशलता पर जोर देते हैं।
इस पारदर्शी और कुशल वित्तीय प्रबंधन से किसानों का सरकार पर विश्वास बढ़ता है और उन्हें यह सुनिश्चित होता है कि उनकी मेहनत का फल उन्हें सीधे मिलेगा। यह किसान अनुदान योजना वित्तीय सहायता प्रदान करने का एक प्रभावी और विश्वसनीय तरीका है।
नवीनतम अपडेट और विशेष जानकारी
किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 के संबंध में नवीनतम जानकारी और अपडेट किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह योजना खरीफ मौसम 2025 के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जो कम बारिश से प्रभावित हुए हैं।
- योजना की निरंतरता: यह योजना किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लगातार लागू की जा रही है, जो सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
- ऑनलाइन प्रक्रिया पर जोर: 2025 में भी आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रहेगी, जिससे किसानों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह डिजिटल इंडिया पहल का एक हिस्सा है।
- समय पर आवेदन: किसानों को सलाह दी जाती है कि वे निर्धारित अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2025 से पहले आवेदन कर दें ताकि उन्हें समय पर सब्सिडी का लाभ मिल सके।
- जागरूकता अभियान: सरकार और कृषि विभाग किसानों के बीच इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न माध्यमों (जैसे कृषि चौपाल, ग्राम सभाएं, सोशल मीडिया) का उपयोग कर रहे हैं। नवभारत टाइम्स जैसे प्रमुख समाचार पत्र भी इस योजना को कवर कर रहे हैं।
- समस्या निवारण: किसानों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर और जिला कृषि कार्यालयों में हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं, ताकि आवेदन प्रक्रिया के दौरान आने वाली किसी भी समस्या का समाधान किया जा सके।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको सबसे सटीक और अद्यतन जानकारी मिले, हमेशा बिहार सरकार के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय सरकारी स्रोतों पर ही भरोसा करें। यह डीजल सब्सिडी 2025 किसानों के लिए एक बड़ी राहत है।
फायदे और नुकसान
फायदे (Pros) | नुकसान (Cons) |
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खेती की लागत में कमी: डीजल खर्च कम होता है। | आवेदन प्रक्रिया की जटिलता: कुछ किसानों के लिए ऑनलाइन आवेदन कठिन हो सकता है। |
फसल सुरक्षा: सूखे की स्थिति में समय पर सिंचाई संभव। | अंतिम तिथि का दबाव: अंतिम समय में सर्वर धीमा होने की समस्या। |
सीधा लाभ हस्तांतरण (DBT): पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। | सीमित अवधि: योजना केवल खरीफ मौसम तक सीमित। |
छोटे किसानों को विशेष लाभ: वित्तीय बोझ कम होता है। | बिहार राज्य तक सीमित: अन्य राज्यों के किसानों को लाभ नहीं। |
कृषि उत्पादन में स्थिरता: फसलों को बर्बाद होने से बचाती है। | दस्तावेजों की आवश्यकता: सभी किसानों के पास सभी दस्तावेज नहीं हो सकते। |
100 करोड़ का बजट: व्यापक कवरेज सुनिश्चित करता है। | जागरूकता की कमी: दूरदराज के किसानों को जानकारी नहीं मिलती। |
FAQ
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प्रश्न: किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 क्या है?
उत्तर: यह बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसके तहत खरीफ मौसम में कम बारिश से प्रभावित किसानों को सिंचाई के लिए डीजल इंजन या पंप सेट में डीजल खरीदने पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य खेती की लागत को कम करना और फसलों को बचाना है। -
प्रश्न: मुझे प्रति एकड़ कितनी सब्सिडी मिलेगी और अधिकतम सीमा क्या है?
उत्तर: योजना के तहत प्रति एकड़ सिंचाई के लिए 2,250 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी अधिकतम 8 एकड़ भूमि तक लागू होती है, यानी एक किसान को अधिकतम 18,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता मिल सकती है। -
प्रश्न: योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है?
उत्तर: जमीन मालिक किसान और बटाईदार किसान दोनों इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, एक परिवार से केवल एक ही किसान आवेदन कर सकता है और आवेदक को बिहार का निवासी होना चाहिए। -
प्रश्न: आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है और कहां आवेदन करें?
उत्तर: किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2025 है। आवेदन बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट dbtagriculture.bihar.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। -
प्रश्न: सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खाते में क्यों भेजी जाती है?
उत्तर: सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित करने का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करना है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सब्सिडी का पूरा लाभ सीधे और तेजी से योग्य किसानों तक पहुंचे। -
प्रश्न: किन फसलों के लिए और कितनी सिंचाई पर सब्सिडी मिलती है?
उत्तर: धान, मक्का, दालें, तिलहन, मौसमी सब्जियां, औषधीय और सुगंधित पौधों सहित कई फसलों के लिए सब्सिडी उपलब्ध है। अधिकांश फसलों के लिए अधिकतम तीन सिंचाई पर सब्सिडी मिलती है, जबकि कुछ विशेष फसलों के लिए यह दो सिंचाई तक सीमित हो सकती है।
निष्कर्ष
किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 बिहार के किसानों के लिए एक आशा की किरण है, विशेष रूप से कम बारिश और सूखे जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे किसानों के लिए। यह योजना न केवल उनकी सिंचाई लागत को कम करने में मदद करती है, बल्कि उनकी फसलों को बचाने और उनकी आजीविका को सुरक्षित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ₹100 करोड़ के बजट आवंटन और सीधे बैंक खाते में भुगतान के साथ, यह योजना पारदर्शिता और प्रभावी सहायता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
हमारा मानना है कि इस लेख में दी गई जानकारी आपको किसान डीजल सब्सिडी योजना 2025 के सभी पहलुओं को समझने में मदद करेगी। यदि आप बिहार के किसान हैं और पात्र हैं, तो हम आपको सलाह देते हैं कि अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2025 से पहले जल्द से जल्द आवेदन करें। यह डीजल पर सरकारी योजना आपकी खेती को अधिक टिकाऊ और लाभदायक बना सकती है।
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2025 के नवीनतम अपडेट और योजना से संबंधित आवेदन प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी के लिए आप यह वीडियो देख सकते हैं:
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